Love Ghazal in Hindi – Romantic Ghazals
तुम से मिलने को बेताब रहता है दिल
दिल फुरकत में क्या-क्या ना सहता है दिल ||
चाहता हूँ सदा पास बैठी रहो
पर ना रुस्वाई तेरी हो डरता है दिल ||
दूर चाहे रहूं तुझ से मैं हर घड़ी
हर लम्हा याद तुझको ही करता है दिल ||
तुम शिकायत करो हक़ तुम्हे है मगर
ये भी दूँ लो तुम्हे प्यार करता है दिल ||
गर भरोसा ना हो तो कभी देख लो
किस कदर तेरी खातिर तड़पता है दिल ||
शक ना करना कभी तुम वफ़ा पर मेरी
हर साँस दम तुम्हारा ही भरता है दिल ||
फि भी चाहे भुला दो अगर मन करे
तड़पने दो जो इतना तड़पता है दिल ||
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चली आ कहीं ये शाम ढल ना जाये
मुलाकात की ये घड़ी टल ना जाये ||
नजर को जता दे मचलना ना यूँ भी
कहीं भूल से राज ये खुल ना जाएं ||
किसी से ना करना कभी बात मेरी
जमाना ये जालिम कहीं जल ना जाये ||
तुम्हारी कसम मैं तुम्हे चाहता हूँ
किसी को मगर प्यार से खल ना जाये ||
मिले साथ तेरा यही आरज़ू है
मगर ज़िन्दगी यूँ ही ढल ना जाये ||
अगर चाहती हो तो दिल में बसा लो
पता ये किसी को मगर चल ना जाये ||
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मिल क्या गए हम-तुम सनम , सब को मिलान ये खल गया
कहने को तो सब खिल गये , दिल हर किसी का जल गया ||
दोनों सदा चुप थे मगर , दिल की लगी चुप ना सकी
आंखें बयां सब कर गयी , यूँ राज दिल का खुल गया ||
नशीली थी तेरी नजर , दिल पर असर होना ही था
लाखों जतन करता रहा , फिर भी इरादा ढल गया ||
अब ला रही है रंग वो , पिछले जन्म की दोस्ती
अब घर घड़ी का साथ है , जलता रहे जो जल गया ||
कर याद वो वादा जरा , था जो कभी हमने किया
गर चाह ना होती तुझे , क्यों फिर मैं तुझे मिल गया ||
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