Love Ghazal in Hindi – Romantic Ghazals
राजे दिल हम सभी से छुपाने लगे
हर नजर से नजर को चुराने लगे ||
जब भी छेड़ा हमें आप की याद ने
दिल को समझा- बुझा कर सुलाने लगे ||
बात करने लगे चाँद-तारों से हम
आपके गीत उनको सुनाने लगे ||
आपकी बात फिर आपकी बात है
बात सबको यही हम बताने लगे ||
बात दिल की नजर कह गयी आपकी
ख्वाब कितने सनम हम सजाने लगे ||
राह देखा करेंगे सदा आपकी
चाहें मिलाने में हमको ज़माने लगें ||
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तुम क्या मिले रोशन हुयी , शामो-सहर हर रह-गुजर
तुम जो गये बुझ सी गयी , शामो-सहर हर रह-गुजर ||
आ कर गये कितने मगर, मैंने कभी पूछा नहीं
तुम से मिल कर खुश हो गयी , शामो-सहर हर रह-गुजर ||
खिलने लगी ये ज़िन्दगी , तीरे नजर चलने लगी
जुलगें तेरी महका गयी , शामो-सहर हर रह-गुजर ||
आने लगे सपने तेरे , आने लगी यादें तेरी
नगमे तेरे गाने लगी , शामो-सहर हर रह-गुजर ||
रंगीनियाँ ये रोज की , मौसम हंसी आलम जवां
कातिल इन्हे करने लगी , शामो-सहर हर रह-गुजर ||
वादा करो फिर आओगी , मेरे लिए फिर से यहाँ
देखेंगे फिर खिलती हुयी , शामो-सहर हर रह-गुजर ||
तेरे लिए फिर आएगा , लेकर ये मन फिर से जनम
महकायेगी फिर हर कली , शामो-सहर हर रह-गुजर ||
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क्या बात है उठती नहीं , तेरी नजर जाने-जिगर
ये बात तो पहले ना थी , कुछ तो कहो देखो इधर ||
अक्सर तुझे देखा करूँ , खोयी हुयी सेहमी हुयी
कुछ तो बता क्या हो गया , क्यों नम हुयी तेरी नजर ||
दिल तो कहीं उलझा नहीं , आंखें मिला मुझको बता
पूँछू अगर मैं जो सनम , शर्माती हो क्यों इस कदर ||
कल ख्वाब में देखा तुझे , यूँ लग रही थी तुम मुझे
मस्ती भरी एक शाम सी , महकी हुयी रंगी सहर ||
दिल का अब अपने क्या करें, तू ही बता ए जानेमन
कैसे कटे ये रात- दिन , कैसे कटे अब ये सफर ||
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