kisan ki kavita in hindi

 

भारत के किसानो की दुर्दशा के बारे हम सभी जानते हैं। बहुत ज्यादा मेहनत करने के बाद भी उनको उनकी मेहनत का फल प्राप्त नहीं होता है। Kisan par Kavita के माध्यम से आप सबको उनका दर्द बताने की कोशिश की है।

आप सभी लोगो से एक दिल से गुजारिश है कि नीचे लिखी गयी कविता को सिर्फ पढ़े नहीं वल्कि उसको समझने का भी प्रयास करें। भारत का किसान ही पुरे भारत को अन्न प्रदान करता है अगर भारत के किसानो का दर्द भी हम न समझ पाए तो किसानो के साथ अन्याय होगा| इस कविता में बताया गया है कि बेमौसम बारिश हो जाने से उनकी उगाई हुयी फसल कैसे बर्बाद हो जाती हैं। और उसके बाद उनको कितनी मुसीबतों का सामना करना पड़ता हैं। लेकिन फिर भी वो फसल उगता है और भारत से लेकर दूसरे देशो का भी पेट पालता हैं।

Bharat ke Kisan par ek Kavita in Hindi

 

देख रहा धरती पुत्र संशय से बादल 

क्योंकि तैयार खड़ी खेत में गेहूं की फसल ||

 

बादलो के गर्जन से दिल बैठ जाता प्रतिपल 

साल भर की मेहनत पल में हो सकती है निष्फल ||

 

तभी पूरब से उठा एक प्रचंड तूफ़ान

कई खेतो से उजड़ गए किसानो के मचान ||

 

वायु के बेग से आम के बौर झड़ गए

और कई परिंदो के घोसले उजड़ गए ||

 

अंधड़ के साथ हो रही वर्षा

गिर रहे ओले उड़ रही रेत

और देख रहा है किसान

निराशा से अपने खेत ||

 

जब-जब चमकती शुन्य में बिजली

और बादलो में होता शोर

असहाय सा देखता आंखे उठाकर

किसान देखता आसमान की ओर ||

 

अर्धांगिनी को देता दिलासा

दिल पर पत्थर रखकर

शायद अपनी किस्मत में ना थी

ये गेहूं की फसल ||

 

इसलिए बेमौसम बरसे

आसमान से बादल

ऊपर वाला फिर भी देगा

और फिर भी नहीं रोते ये पागल

 

 

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